इस संसार में किसी भी मनुष्य के किसी भी व्यवहार एव विचार से अगर आपके ह्रदय को तनिक भर भी कभी ठेस पहुची हो तो आप सर्वप्रथम उस व्यक्ति एव स्वम् कि अशांत आत्मा के लिए, अपनी आत्मशांति के लिए अपने इष्ट से एक आत्मशांति की प्रार्थना कर सकते है बशर्ते आपका ह्रदय एव आत्मा स्वम् के व्यवहारों एव विचारो के प्रति ईमानदार हो।
विक्रांत राजलीवाल द्वारा लिखित।
15/11/2018 at 20:35 pm